पाइथागोरस प्रमेय की परिभाषा (definition of pythagoras theorem)
पाइथागोरस प्रमेय (pythagoras theorem) के अनुसार एक समकोण त्रिभुज के भुजा कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाएं आधार एवं ऊंचाई के वर्ग के योग के बराबर होती है। यह प्रमेय अक्सर तब प्रयोग की जाती है जब हमें एक समकोण त्रिभुज में कोई भुजा का माप ज्ञात नहीं होता है।
इस प्रमेय को हम समीकरण के रूप में इस प्रकार से लिखते हैं:
कर्ण² = आधार ² + ऊंचाई ²
या, कर्ण =√(आधार ² + ऊंचाई ²)
अगर हम इसे और भी सरल तरीके से लिखना चाहते हैं तो हम कर्ण को a एवं b, c को बची हुई दो भुजाएं मान लेते हैं तो तब हम इस समीकरण को ऐसे लिख सकते हैं।:
a² = b² + c²
या, a² = b² + c²
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समकोण त्रिभुज क्या होता है?
पाइथागोरस प्रमेय के प्रयोग (use of pythagoras theorem)
एक समकोण त्रिभुज की अज्ञात भुजा को ज्ञात करने में ,
एक समतल में दो बिन्दुओं के बीच दूरी ज्ञात करना
1. पाइथागोरस प्रमेय से समकोण त्रिभुज की अज्ञात भुजा ज्ञात करना :
जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं यहाँ एक समकोण त्रिभुज दिया गया है। हम देख सकते हैं कि हमे इसकी दो ही भुजाएं ज्ञात हैं एवं तीसरी भुजा जो इसका कर्ण AC है जो कि अज्ञात है। अतः हमें यही भुजा ज्ञात करनी है।
सबसे पहले हमें इसे एक समीकरण के रूप में रखना होगा।
कर्ण² = लम्ब² + आधार²
या कर्ण = √(लम्ब² + आधार²)
इसी प्रकार AC² = AB² + BC²
AC = √(AB² + BC²)
जैसा कि आप देख सकते हैं कि हमने समीकरण बना लिया है जिसमे हमने अब भुजाओं के माप को समीकरण में लिख लिया है एवं अब हम इससे अज्ञात भुजा का माप ढूँढेंगे।
जैसा कि आपने देखा हमने इस समीकरण को आगे हल किया एवं अब आगे कुछ देर बाद हमारे पास उत्तर आ जाएगा। आइये अब हम इस समीकरण को और आगे हल करते हैं ताकि हमने इसका उत्तर मिल जाये।
कर्ण² = लम्ब² + आधार²
या AC² = AB² + BC²
भुजा, AC = √(4² + 4²)
AC = √32
AC = 4√2 Answer
आप ऊपर देख सकते हैं कि जैसे ही हमने जैसे ही दिए गए समीकरण को पूरी तरह हल किया तब हमारे पास जो भुजा का माप नहीं था वह हमें मिल गया है। ऐसे ही हम सभी पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करके जो भुजा का माप ज्ञात नहीं होता उसे निकाल सकते हैं।
इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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